जिले के बारे में
दरभंगा भारत के बिहार राज्य के मिथिला क्षेत्र में दरभंगा ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।
दरभंगा बागमती नदी के किनारे बसा हुआ है। यह ज़िले एवं प्रमंडल का मुख्यालय है। दरभंगा प्रमंडल के अंतर्गत तीन जिले दरभंगा, मधुबनी एवं समस्तीपुर आते हैं। दरभंगा के उत्तर में मधुबनी, दक्षिण में समस्तीपुर, पूर्व में सहरसा एवं पश्चिम में मुजफ्फरपुर तथा सीतामढ़ी जिला है। दरभंगा शहर के बहुविध एवं आधुनिक स्वरुप का विकास सोलहवीं सदी में मुग़ल व्यापारियों तथा ओईनवार शासकों द्वारा विकसित किया गया। दरभंगा 16वीं सदी में स्थापित दरभंगा राज की राजधानी था। अपनी प्राचीन संस्कृति और बौद्धिक परंपरा के लिये यह शहर विख्यात रहा है। इसके अलावा यह जिला आम और मखाना के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। दरभंगा शब्द संस्कृत भाषा के शब्द ‘द्वार-बंग’ या फारसी भाषा के ‘दर-ए-बंग’ यानी बंगाल का दरवाजा का मैथिली भाषा में कई सालों तक चलनेवाले स्थानीयकरण का परिणाम है। ऐसा कहा जाता है कि मुगल काल में दरभंगी खां ने शहर बसाया था। दरभंगी खां स्वेत ब्राह्मण थे उन्होने कालांतर मे इस्लाम कबुल किया था। जिन्हें महराज दरभंगा के द्वारा “खां” की उपाधि मिली थी। आज भी खां वंसज दरभंगा में निवास करते हैं’। दरभंगा की स्थापना 1 जनवरी 1875 को हुई थी। वैदिक स्रोतों के मुताबिक आर्यों की विदेह शाखा ने अग्नि के संरक्षण में सरस्वती तट से पूरब में सदानीरा (गंडक) की ओर कूच किया और विदेह राज्य की स्थापना की। विदेह के राजा मिथि के नाम पर यह प्रदेश मिथिला कहलाने लगा। रामायणकाल में मिथिला के एक राजा जो जनक कहलाते थे, सिरध्वज जनक की पुत्री सीता थी।[4] विदेह राज्य का अंत होने पर यह प्रदेश वैशाली गणराज्य का अंग बना। इसके पश्चात यह मगध के मौर्य, शुंग, कण्व और गुप्त शासकों के महान साम्राज्य का हिस्सा रहा। १३ वीं सदी में पश्चिम बंगाल के मुसलमान शासक हाजी शम्सुद्दीन इलियास के समय मिथिला एवं तिरहुत क्षेत्रों का बँटवारा हो गया। उत्तरी भाग जिसके अंतर्गत मधुबनी, दरभंगा एवं समस्तीपुर का उत्तरी हिस्सा आता था, सुगौना के ओईनवार राजा कामेश्वर सिंह के अधीन रहा। ओईनवार राजाओं को कला, संस्कृति और साहित्य का बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। कुमारिल भट्ट, मंडन मिश्र, गदाधर पंडित, शंकर, वाचास्पति मिश्र, विद्यापति, नागार्जुन,चन्द्र मोहन पोद्दार आदि महान विद्वानों के लेखन से इस क्षेत्र ने प्रसिद्धि पाई। ओईनवार राजा शिवसिंह के पिता देवसिंह ने लहेरियासराय के पास देवकुली की स्थापना की थी। शिवसिंह के बाद यहाँ पद्मसिंह, हरिसिंह, नरसिंहदेव, धीरसिंह, भैरवसिंह, रामभद्र, लक्ष्मीनाथ, कामसनारायण राजा हुए। शिवसिंह तथा भैरवसिंह द्वारा जारी किए गए सोने एवं चाँदी के सिक्के यहाँ के इतिहास ज्ञान का अच्छा स्रोत है।
दरभंगा शहर १६ वीं सदी में दरभंगा राज की राजधानी थी। १८४५ इस्वी में ब्रिटिश सरकार ने दरभंगा सदर को अनुमंडल बनाया और १८६४ ईस्वी में दरभंगा शहर नगर निकाय बन गया।[5] १८७५ में स्वतंत्र जिला बनने तक यह तिरहुत के साथ था। १९०८ में तिरहुत के प्रमंडल बनने पर इसे पटना प्रमंडल से हटाकर तिरहुत में शामिल कर लिया गया। स्वतंत्रता के पश्चात १९७२ में दरभंगा को प्रमंडल का दर्जा देकर मधुबनी तथा समस्तीपुर को इसके अंतर्गत रखा गया।
दरभंगा जिला का कुल क्षेत्रफल 2,279 वर्ग कि०मी० है। समूचा जिला एक समतल उपजाऊ क्षेत्र है जहाँ कोई चिह्नित वनप्रदेश नहीं है। जिले में हिमालय से उतरने वाली नित्यवाही और बरसाती नदियों का जाल बिछा है। कमला, बागमती, कोशी, करेह और अधवारा समूह की नदियों से उत्पन्न बाढ़ हर वर्ष लाखों लोगों के लिए तबाही लाती है[6] औसत सालाना ११४२ मिमी वर्षा का अधिकांश मॉनसून से प्राप्त होता है। दरभंगा जिले को आमतौर पर निम्न चार क्षेत्रों में बाँटा जाता है:
- घनश्यामपुर, बिरौल तथा कुशेश्वरस्थान प्रखंड में कोशी के द्वारा जमा किया गया गाद क्षेत्र जहाँ दलदली भाग मिलते हैं।
- बूढ़ी गंडक के दक्षिण का ऊँचा तथा उपजाऊ भूक्षेत्र जहाँ रबी की खेती की जाती है।
- बूढ़ी गंडक और बागमती के बीच का दोआब क्षेत्र जो नीचा और दलदली है। यहाँ २९७०६ हेक्टेयर भूमि चौर क्षेत्र है।
- सदर क्षेत्र जो ऊँचा है और कई नदियाँ यहाँ से प्रवाहित है।
- जनसांख्यिकी
2001 की जनगणना के अनुसार इस जिला की कुल जनसंख्या 32,85,493 है जिसमें शहरी क्षेत्र तथा देहाती क्षेत्र की जनसंख्या क्रमश: 2,66,834 एवं 30,18,639 है।
- स्त्री-पुरूष अनुपात- 910/ 1000
- जनसंख्या का घनत्व- 1101
- जन्म के समय जीवन प्रत्याशा- 47.6 वर्ष
- जनसंख्या वृद्धि दर- 2.25%
- साक्षरता दर- 35.42% (पुरूष-45.32%, स्त्री- 24.58%)
जबकि जनगणना 2011 के आकड़ों के अनुसार इस जिले की कुल आबादी 3,937,385 है।जिसमें पुरुषों की संख्या 2,059,949 और महिलाओं की 1,877,436 है। दरभंगा 25.63-25.27 °उतर 85.40-86.25°पूर्व में अवास्थित है |
दरभंगा जिले के अंतर्गत 3 अनुमंडल, 18 प्रखंड, 329 पंचायत, 1,269 गांव एवं 23 थाने हैं।
- अनुमंडल- दरभंगा सदर, बेरौल, बेनीपुर
- प्रखंड- दरभंगा, बहादुरपुर, हयाघाट, हनुमाननगर, बहेरी, केवटी, सिंघवारा, जाले, मणिगाछी, ताराडिह, बेनीपुर, अलीनगर, बिरौल, घनश्यामपुर, कीरतपुर, गौरा-बौरम, कुशेश्वरस्थान, कुशेश्वरस्थान (पूर्व)